और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
प्लास्टिक का अमर दानव जान लेगा गांव की। विष भरी अब हो गई है पवन मेरे गांव की । प्लास्टिक का अमर दानव जान लेगा गांव की। विष भरी अब हो गई है पवन मेरे गांव की ...
कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।
ज़िन्दगी और रियलिटी ज़िन्दगी और रियलिटी